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दिल में हिन्दुस्तान सम्भाले
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मैं उस पनघट की मिट्टी हूं
जहां होती रुनझुन पायल की
मैं जर्रा हूं उन गलियों का
जो जाने है गत घायल की
जो जाने है गत घायल की
मैं कतरा गंग नहर का हूं
जो सबकी प्यास बुझाता है
जो सबकी प्यास बुझाता है
मैं खुश्बू ताजे फूलों की हूं
जो बिछुड़ा प्रेम मिलाता हूं
स्वर्ण सरीखे धोरों वाली
मैं उजली एक कहानी हूं
मैं उजली एक कहानी हूं
दिल में हिन्दुस्तान संभाले
मैं भी इक राजस्थानी हूं
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