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(-राज बिजारनियाँ )
जब हम नहीं होंगे, हमारी याद आएगी
उठेगी हूक जो दिल में, तुम्हे रह-रहके रुलाएगी
कोई तनहा हो सोएगा
कोई यादें संजोएगा
कोई छुप-छुपके रोएगा
कोई पलकें भिगोएगा
करेंगे लाख कोशिशें, सभी नाकाम जाएगी
जब हम नहीं होंगे, हमारी याद आएगी
कभी तकरार की बातें
कभी खुशियों की सौगातें
कभी वो रूठना हमसे
कभी फूलों से महकाते
वक्त तो रेत है ऐसी, हाथ से छूट जाएगी
जब हम नहीं होंगे, हमारी याद आएगी
यहीं पाना यहीं खोना यहीं हंसना
यहीं रोना यहीं कहना यहीं सहना
यहीं जीना यहीं मरना
जिंदगी छाँव है ऐसी, कभी ना हाथ आएगी
जब हम नहीं होंगे, हमारी याद आएगी