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सोनै सो प्रभात
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सूरज रेती एक सी सोनै सो प्रभात
नवै बरस में बांटता शुभ सुगनी सौगात
मरुधर म्हारै देसड़ै सोनै बरणी रेत
कण कण मुळकै मोद में पल पल पसरै हेत
नैण बिछायां मरुधरा हंस हंस काटै रात
आगै री सुध लेवती छोड़ पुराणी बात
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