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( गीत )
चान्दडलो गिगनार
- (राज बिजारनियाँ)
चान्दडलो गिगनार
परदेसां में पीव अमूझै महलां बैठी नार
चुड़लो, नाथ, बोरलो, बिछिया,
पायळ री झनकार
थां बिन छेल भंवर सा
म्हारो बदरंगी सिणगार
काळजियो कळपै किरळावै नैनां झारम-झार
गिणता-गिणता आन्गालियाँ पर
दिन बदळ्या बण मास
नणदोई जी नणदळ साथै
थै क्यूं नीं हो पास
पल-पल म्हारो जीव पतीजै मनडो तारम-तार
बसंत बीतग्यो बासी पड़गी
फागण री फगुवार
चेता-चूक चेत सावणियो
नैनां काजळ सार
कुरजां कैइजो सायब जी नै आओ लारम-लार
चान्दडलो गिगनार